Swadeshi Apnao Desh Bachao– किसी à¤à¥€ देश की आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° होना उसकी सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€à¤ªà¤¨ को दिखलाता है, जो जितना देश अधिक अपनी चीजो पर निरà¥à¤à¤° होता है, वह देश उतना ही अधिक विकसित à¤à¥€ होता है, इसलिठआज के परिवेश में आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° होना देश की परिपकà¥à¤µà¤¤à¤¾ को दिखलाता है.
पहले हमारा देश सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° और विकसित था, फिर धीरे धीरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ की खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ दà¥à¤¸à¤°à¥‡ देशो को फैलने लगी थी, जिस कारण से लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥€ नजरो ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°, सीखने, शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने से अनेक बहाना के जरिये विदेशी à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने लगे थे, फिर यही विदेशी लोग à¤à¤¾à¤°à¤¤ में फà¥à¤Ÿ डालो, और राज करो की नीति पर आगे बà¥à¤¤à¥‡ रहे और à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ को धीरे धीरे खतà¥à¤® करके à¤à¤¾à¤°à¤¤ को दूसरो देशो का गà¥à¤²à¤¾à¤® बना दिया गया, जिस कारण से à¤à¤¾à¤°à¤¤ 700 वरà¥à¤·à¥‹ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ विदेशी लोगो के अधीन रहा,
और फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोगो के अथक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ को 15 अगसà¥à¤¤ 1947 को आजादी मिली, à¤à¤¾à¤°à¤¤ को आजादी तो मिल गयी, लेकिन हमारी जरà¥à¤°à¤¤à¥‹ के लिठआज à¤à¥€ इन विदेशो पर निरà¥à¤à¤° रहना पड़ता है, जिस कारण से हम आजाद होते हà¥à¤ à¤à¥€ इन देशो पर निरà¥à¤à¤° है, जिसे पूरà¥à¤£ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ नही कहा जा सकता है.
इस कारण से आज के दौर में सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ और आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ की जरूरत फिर से महसूस होने लगी है, कà¥à¤¯à¥à¤•ी आज के समय में वही देश विकसित है, जिनके यहा जरूरते की समान खà¥à¤¦ देश में बनती है, à¤à¤¸à¥‡ में यदि हमे सà¥à¤ˆ से लेकर जहाज तक जैसे वसà¥à¤¤à¥à¤“ के लिठयदि दà¥à¤¸à¤°à¥‡ देशो पर निरà¥à¤à¤° रहेगे, तो सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• सी बात है, वे देश हमारी निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ को कमजोरी मानकर जरà¥à¤° फायदा उठाà¤à¤‚गे  और मनमाने दाम पर इन वसà¥à¤¤à¥à¤“ को बेचेगे और हमे मजबूरी में इन वसà¥à¤¤à¥à¤“ को ऊà¤à¤šà¥‡ दाम पर खरीदना à¤à¥€ पड़ेगा.
à¤à¤¸à¥‡ में आज के समय में सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ अपनाओ देश बचाओ का महतà¥à¤µ काफी बॠजाता है, और यदि हम इस बात को नहीं समà¤à¥‡ तो हम आने वाले समय में दà¥à¤¸à¤°à¥‡ देशो पर निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ के जरिये दूसरे देशो के à¤à¤• तरह से गà¥à¤²à¤¾à¤® की तरह हो जाà¤à¤‚गे.
और फिर हमें विदेशी वसà¥à¤¤à¥à¤“ पर निरà¥à¤à¤° रहना पड़ेगा, जिस कारण य धीरे धीरे हमारी पसंद बन जाà¤à¤—ी, और फिर हम विदेशो की वसà¥à¤¤à¥à¤ ही खरीदेंगे, जिससे अपने दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपने देश के लोगो का रोजगार छीनता चला जायेगा. और à¤à¤¸à¥‡ में अपने देश à¤à¤¾à¤°à¤¤ को विकसित बनाना है तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोगो को सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ पर ही धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना होगा, अपने ही देश की बनी चीजो का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करना होगा.
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Swadeshi Apnao Desh Bachao– किसी à¤à¥€ देश की आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° होना उसकी सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€à¤ªà¤¨ को दिखलाता है, जो जितना देश अधिक अपनी चीजो पर निरà¥à¤à¤° होता है, वह देश उतना ही अधिक विकसित à¤à¥€ होता है, इसलिठआज के परिवेश में आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° होना देश की परिपकà¥à¤µà¤¤à¤¾ को दिखलाता है.
पहले हमारा देश सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° और विकसित था, फिर धीरे धीरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ की खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ दà¥à¤¸à¤°à¥‡ देशो को फैलने लगी थी, जिस कारण से लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥€ नजरो ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°, सीखने, शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने से अनेक बहाना के जरिये विदेशी à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने लगे थे, फिर यही विदेशी लोग à¤à¤¾à¤°à¤¤ में फà¥à¤Ÿ डालो, और राज करो की नीति पर आगे बà¥à¤¤à¥‡ रहे और à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ को धीरे धीरे खतà¥à¤® करके à¤à¤¾à¤°à¤¤ को दूसरो देशो का गà¥à¤²à¤¾à¤® बना दिया गया, जिस कारण से à¤à¤¾à¤°à¤¤ 700 वरà¥à¤·à¥‹ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ विदेशी लोगो के अधीन रहा,
और फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोगो के अथक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ को 15 अगसà¥à¤¤ 1947 को आजादी मिली, à¤à¤¾à¤°à¤¤ को आजादी तो मिल गयी, लेकिन हमारी जरà¥à¤°à¤¤à¥‹ के लिठआज à¤à¥€ इन विदेशो पर निरà¥à¤à¤° रहना पड़ता है, जिस कारण से हम आजाद होते हà¥à¤ à¤à¥€ इन देशो पर निरà¥à¤à¤° है, जिसे पूरà¥à¤£ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ नही कहा जा सकता है.
इस कारण से आज के दौर में सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ और आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ की जरूरत फिर से महसूस होने लगी है, कà¥à¤¯à¥à¤•ी आज के समय में वही देश विकसित है, जिनके यहा जरूरते की समान खà¥à¤¦ देश में बनती है, à¤à¤¸à¥‡ में यदि हमे सà¥à¤ˆ से लेकर जहाज तक जैसे वसà¥à¤¤à¥à¤“ के लिठयदि दà¥à¤¸à¤°à¥‡ देशो पर निरà¥à¤à¤° रहेगे, तो सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• सी बात है, वे देश हमारी निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ को कमजोरी मानकर जरà¥à¤° फायदा उठाà¤à¤‚गे  और मनमाने दाम पर इन वसà¥à¤¤à¥à¤“ को बेचेगे और हमे मजबूरी में इन वसà¥à¤¤à¥à¤“ को ऊà¤à¤šà¥‡ दाम पर खरीदना à¤à¥€ पड़ेगा.
à¤à¤¸à¥‡ में आज के समय में सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ अपनाओ देश बचाओ का महतà¥à¤µ काफी बॠजाता है, और यदि हम इस बात को नहीं समà¤à¥‡ तो हम आने वाले समय में दà¥à¤¸à¤°à¥‡ देशो पर निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ के जरिये दूसरे देशो के à¤à¤• तरह से गà¥à¤²à¤¾à¤® की तरह हो जाà¤à¤‚गे.
और फिर हमें विदेशी वसà¥à¤¤à¥à¤“ पर निरà¥à¤à¤° रहना पड़ेगा, जिस कारण य धीरे धीरे हमारी पसंद बन जाà¤à¤—ी, और फिर हम विदेशो की वसà¥à¤¤à¥à¤ ही खरीदेंगे, जिससे अपने दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपने देश के लोगो का रोजगार छीनता चला जायेगा. और à¤à¤¸à¥‡ में अपने देश à¤à¤¾à¤°à¤¤ को विकसित बनाना है तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लोगो को सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¥€ पर ही धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना होगा, अपने ही देश की बनी चीजो का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करना होगा.